राधा, कृष्ण और रुक्मिणी का सम्बन्ध. A bond between Radha, Krishna and Rukmini | mahabharata | Radha Krishna
श्री कृष्ण के जीवन में राधा और रुक्मिणी दोनों ही महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। राधा को उनकी प्रेमिका और रुक्मिणी को उनकी पत्नी माना जाता है। परंतु क्या आपको पता है कि राधा, कृष्ण और रुक्मिणी के बीच कैसा सम्बन्ध था? कौन से गुणों से ये तीनों एक-दूसरे से जुड़े हुए थे? कौन से भावों से ये तीनों एक-दूसरे को प्रेम करते थे? आइए, हम इस पोस्ट में इन सवालों के जवाब ढूंढने का प्रयास करेंगे। राधा, कृष्ण और रुक्मिणी का सम्बन्ध राधा, कृष्ण और रुक्मिणी का सम्बन्ध प्रेम, सेवा और सहयोग से परिपूर्ण है। - **प्रेम**: राधा, कृष्ण का प्रेम है, कृष्ण, राधा का प्रेम है। राधा-कृष्ण का प्रेम माधुर्य-लीला में प्रकट होता है, जहां वे प्रेम-मुग्ध होकर नाचते, गाते, हंसते हैं। राधा-कृष्ण का प्रेम प्रतिक्रियात्मक नहीं, प्रेरक है, जो समस्त संसार को प्रेम-मय करता है। - **सेवा**: रुक्मिणी, कृष्ण की सेवा है, कृष्ण, रुक्मिणी की सेवा है। रुक्मिणी-कृष्ण का सम्बन्ध सेवा-लीला में प्रकट होता है, जहां वे पति-पत्नि के रूप में संसार में निभाते हुए प्रेम से सेवा करते हैं।